जांच करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के दिए आदेश
वर्ष-2013 का कोटगेट थाना क्षेत्र का है प्रकरण, मोटरयान दुर्घटना दावा अधिकरण, न्यायाधीश वंदना राठौड़
बीकानेर। फर्जी क्लेम दिलाने के लिए पुलिस द्वारा निर्दोषों के विरूद्ध चालान पेश कर कमजोर अभियोजन पैरवी के संबंध में मोटरयान दुर्घटना दावा अधिकरण, न्यायाधीश वंदना राठौड़ ने कार्रवाई के आदेश दिए हैं। इस प्रकरण की प्रार्थिया की क्षतिपूर्ति याचिका को अस्वीकार कर निरस्त की और पुलिस महानिदेशक, राजस्थान व रेंज आइजी को निर्णय की प्रति भेजकर अनुसंधान अधिकारियों के खिलाफ विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।
निर्णय के अनुसार न्यायाधीश वंदना राठौड़, मोटरयान दुर्घटना दावा अधिकरण द्वारा प्रार्थिया शारदा देवी आदि बनाम असलम खां आदि प्रकरण में प्रार्थीया शारदा देवी की क्षतिपूर्ति याचिका मोटर वाहन अधिनियम अन्तर्गत धारा 166 को अस्वीकार कर निरस्त की और पुलिस महानिदेशक व रेंज आइजी को निर्णय की प्रति भिजवाकर इस प्रकरण में जांच करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ आदेश 35 नियम 06 सामान्य (सिविल एवं दाण्डिक)-2018 के अनुसरण विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।
साथ ही निदेशक अभियोजन विभाग, जयपुर को निर्णय की प्रति भिजवाते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, बीकानेर के न्यायालय में तैनात अभियोजन अधिकारी जिनके द्वारा बिना पुलिसकर्मी साक्षीगण को पक्षद्रोही घोषित कराये परीक्षण कराया, उन साक्षीगण के बयानों की सत्य प्रति संबंधित अभियोजन अधिकारी की कार्यप्रणाली के संबंध में ध्यान आकर्षण के लिए भेजी गई। न्यायाधीश ने पुलिस अधीक्षक, बीकानेर को निर्णय की प्रति भिजवा कर आदेशित किया है कि मोटरयान दुर्घटना दावा अधिकरण, बीकनेर के अधिकार क्षेत्र में आने वाले पुलिस थानों के थानाधिकारियों को निर्देशित किया जावे की किसी भी दुर्घटना से संबंधित प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज किये जाने पर मोटरवाहन अधिनियम की धारा-158 व 159 की प्रावधानों की पालना सुनिश्चित करते हुए दुर्घटना सूचना रिपोर्ट एवं दुर्घटना सूचना रिपोर्ट निर्धारित अवधि में मोटरयान दुर्घटना दावा अधिकरण, बीकनेर को प्रेषित किया जाना सुनिश्चित करें।
न्यायालय ने अपने निर्णय में उच्चतम न्यायालय द्वारा जारी अपने आदेश दिनांक 16.12.2021 का हवाला देते हुए जिसमें झूठे क्लेम प्रकरण अधिकरण में प्रस्तुत करने पर उत्तर प्रदेश राज्य के 28 अधिवक्ताओं के विरूद्ध कार्यवाही करने के निर्देश बार काऊसिल ऑफ इंडिया को दिये थे व झूठे क्लेम के संबंध में एसआईटी गठित कर अनुसंधान करने के निर्देश दिये गये जिसके संदर्भ में सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय को एक वेब पोर्टल बनाने का निर्देश दिया। उनके द्वारा अपने आदेश में यह भी स्पष्ट किया है कि उच्चतम न्यायालय द्वारा यह अवधारित किया गया है कि झूठे क्लेम के कारण बीमा कम्पनीयों का करोड़ों का नुकसान हुआ है। इससे न्यायिक संस्था प्रभावित हो रही है।
#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI www.newsfastweb.com