रुपए निकालने के लिए एटीएम पहुंचे लोग हो रहे परेशान
जागरूक लोगों के अनुसार कमीशन का खेल है सारा
बीकानेर। लोकसेवक अपने स्वार्थ पूर्ति के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार रहते हैं, चाहे उनके कार्यों से आमजन को कितनी भी परेशानी क्यों ना झेलनी पड़े। ऐसा ही ताजा मामला अभी हाल ही में सामने आया है।
पीपी ब्रान्च, एसबीआई के खाताधारक (वरिष्ठ नागरिक) ने न्यूजफास्ट वेब को बताया कि यहां परिसर में दोनों तरफ लगे एटीएम दिन में काफी देर तक बंद रखे जा रहे हैं, साथ ही वहां लगी कैश डिपोजिट मशीन भी बंद रखी जा रही है। ऐसा पिछले काफी दिनों से देखने में आ रहा है। वे अपने खाते में से रुपए निकालने के लिए पिछले काफी दिनों से लगातार आ रहे हैं लेकिन हर बार उन्हें एटीएम के शटर बंद मिले। बाहर जब सुरक्षा गार्ड से पूछताछ की जाती है तो वे एटीएम का शटर चार बजे खुलने या अन्दर जाकर रुपए निकाल लेने का कह देते हैैं। खाताधारक वरिष्ठ नागरिक ने बताया कि जब बैंकभवन के अन्दर जाकर एटीएम बंद होने की वजह वहां बैठे लोकसेवकों से पूछी जाती है तो वे कह देते हैं कि कनैक्टिविटी नहीं है। एटीएम का बंद शटर देखकर खाताधारक की तरह परेशान हुए दूसरे शख्स ने बैंककर्मी का जवाब सुनकर कहा कि बैंक के कम्प्यूटर पर ऑनलाइन कार्य हो रहा है तो वो बिना कनैक्टिविटी के कैसे हो रहा है। ये सवाल सुनकर बैंककर्मी कुछ नाराज सा हुआ और अपनी सीट से उठकर चला गया।
रुपए निकालने के लिए भेजा जाता है ग्राहक सेवा केन्द्र
खाताधारक के अनुसार बैंक में जब रुपए निकालने के लिए काउन्टर पर जाते हैं तो वहां से उन्हें ग्राहक सेवा केन्द्र जाकर रुपए का लेनदेन करने को कहा जाता है। ग्राहक सेवा केन्द्रों पर संचालक अपनी मनमर्जी चलाते हैं। काफी देर तक बेवजह उन्हें खड़ा रखा जाता है। इन केन्द्रों पर संचालकों का व्यवहार भी अपेक्षाकृत सही नहीं होता है। ऐसे में बैंक में होने वाले रुपए के लेनदेन के लिए निजी प्रतिष्ठानों पर भेजा जाना बैंक के अस्तित्व पर ही सवाल खड़े करता है।
बताया जा रहा है कमीशन का खेल
जानकार लोगों के अनुसार कनैक्टिविटी की आड़ में एटीएम और सीडीएम जानबूझ कर बंद रखे जा रहे हैं। इसकी मूल वजह कमीशन का खेल है। छोटी रकम का लेनदेन करने के लिए जब एटीएम बंद होंगे तो खाताधारक बैंक भवन में जाएंगे, वहां से उन्हें ग्राहक सेवा केन्द्र जाने को कहा जाएगा। जब खाताधारक ग्राहक सेवा केन्द्र जाएंगे तो वहां लेनदेन करने से ग्राहक सेवा केन्द्र संचालक को कुछ राशि सेवा के रूप में दिया जाना निर्धारित है। ज्यादा लोग ग्राहक सेवा केन्द्र पर जाकर लेनदेन करेंगे तो संचालक को भी सेवा राशि ज्यादा मिलेगी। इस सेवा राशि का निर्धारित अंश उस बैंककर्मी को मिल जाता है जो खाताधारकों को ग्राहक सेवा केन्द्र भेजते हैं। रोजाना के इस खेल में हजारों रुपए बतौर कमीशन इधर से उधर होते हैं।