दिल्ली हाइकोर्ट में मामला पहुंचने के बाद हुआ खुलासा
सबकुछ जानते हुए भी लुट रहे लोग, उपभोक्ता हितों की बात करने वाले हैं मौन
#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI www.newsfastweb.com
बीकानेर। सोशल मीडिया साइट्स पर ब्रांडेड कंपनियों के नाम पर धड़ल्ले से नकली सामान बेचा रहा है। बहुराष्ट्रीय कंपनियां अमेजन, स्नैपडील और मीशो समेत कई ई-कॉमर्स प्लेटफार्म और फेसबुक-इन्स्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया साइट्स पर ब्रांडेड कंपनियों के नाम पर धड़ल्ले से नकली सामान को बेचा जा रहा है। स्थानीय बाजारों में जाने के आलस और सस्ता मिलने के लालच में लोग ऑनलाइन खरीददारी कर लुट रहे हैं।
पिछले कई वर्षों में ऑनलाइन खरीददारी का चलन बढ़ गया है। ज्यादातर लोग बाजार में जाने के आलस और सस्ता सामान मिलने के लालच में ऑनलाइन खरीददारी में ही भरोसा करते रहे और अपने आप को लुटवाते रहे। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली हाइकोर्ट में ऐसा एक मामला पहुंचा तब सोशल प्लेटफॉम्र्स पर ब्रांडेड कंपनियों के नाम से नकली सामान बेचे जाने का खुलासा हुआ है।
जानकारी मिली है कि इस कालाबाजारी को देखते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म को नकली उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाने का आदेश दिए है। कंपनियों की ओर से ई-कॉमर्स पर नकली उत्पादों की बिक्री के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट ने स्नैपडील, मीशो और अमेजन को नकली उत्पाद हटाने व इनकी लिस्ट देने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति प्रतिभा सिंह ने अपने आदेश में कहा है कि नकली उत्पादों को बढ़ावा दिया जा रहा है और इन्हें ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर बेचा जा रहा है। कोर्ट ने कहा है कि कम्पनियों के साथ ग्राहकों की सुरक्षा के लिए इस तरह के उत्पादों को बिक्री पर रोक लगाने की आवश्यकता है। कोर्ट ने यह आदेश डेढ़ सप्ताह पहले दिया था, जो अब सार्वजनिक हुआ है।
फेक प्रोडक्ट से अनजान नहीं खरीदार
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 38 प्रतिशत खरीददारों को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से नकली सामान मिला है। लेकिन ऐसा नहीं है कि खरीदार इससे अनजान है। ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के जरिए उत्पाद खरीदने वाले अधिकतर खरीदारों को जानकारी है कि जो उत्पाद वे खरीद रहे हैं, वह नकली हो सकता है।
मौन धारण किए हैं उपभोक्ताओं के हितों की बात करने वाले संगठन
सोशल मीडिया साइट्स पर ब्रांडेड कंपनियों के नाम पर बिक रहे नकली उत्पादों को रोकने के लिए अभी तक उपभोक्ताओं के हितों की बात करने वाले संगठन मौन धारण ही किए देखे गए हैं। इन उपभोक्ताओं का संरक्षण करने के दावे करने वाले संगठनों को आज तक ना तो ई-कॉमर्स प्लेटफॉम्र्स पर नकली सामान बेचे जाने का विरोध करते देखा गया है और ना ही सोशल मीडिया साइट्स पर खरीददारी करने के दौरान उपभोक्ताओं को सजग रहने का संदेश देते।