सार्वजनिक स्थानों पर सांसों में घुल रहा है जहर

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Poison is dissolved in the breath in public places
PHOTO BY GOOGLE

चेतावनी के बावजूद न लोगों की लत छूटी न प्रशासन की लापरवाही

सिर्फ नाम के नियम, बे-रोक टोक लोग कर रहे हैं खुलेआम स्मोकिंग

#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI www.newsfastweb.com

बीकानेर। हम सभी जानते हैं कि धूम्रपान सेहत के लिए कितना खतरनाक है। ये जितना नुकसान धूम्रपान करने वालों को पहुंचाता है,उतना ही दुष्प्रभाव अपने आस-पास रहने वाले लोगों पर छोड़ता है। यही वजह है कि प्रशासन ने सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने पर रोक लगा रखी है। इतना ही नहीं सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने वालों पर सख्त कार्रवाई और जुर्माने का भी प्रावधान है लेकिन लोगों की लत और प्रशासन की लापरवाही के आगे ये निषेद्य कागजी ही साबित हो रहा है। इसे प्रशासन की विफलता ही कहेंगे कि सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने वालों की तादाद पहले से कहीं ज्यादा नजर आने लगी है।


बच्चों के लिए बेहद हानिकारक पैसिव स्मोकिंग
पैसिव स्मोकिंग का असर बड़ों पर तो होता ही है, बच्चों पर भी बहुत ज्यादा होता है। जानकारी के मुताबिक पैसिव स्मोकिंग से बच्चों में अस्थमा, निमोनिया, ब्रॉन्काइटिस, कान में संक्रमण, खांसी, जुकाम और सांस से संबंंधित समस्याएं होती हैं। डब्ल्यूएचओ (विश्व स्वास्थ्य संगठन) के अनुसार वश्व स्तर पर 1.65 लाख बच्चे 5 वर्ष की उम्र से पहले पैसिव स्मोकिंग के साइड इफेक्ट से सांस के संक्रमण की वजह से मर जाते हैं। ऐसे बच्चे व्यस्क होने पर भी हमेशा इस तरह की समस्याओं से पीडि़त रहते हैं और इनमें सीओपीडी का खतरा रहता है। इस बीमारी से फेंफड़ों में कफ बनता है और सांस लेने में काफी कठिनाई होती है।


न किसी का डर और न ही कोई कार्रवाई
बीकानेर शहर में देखें तो रेलवे स्टेशन, बस स्टेण्ड, अस्पताल, बाजार, पार्कों सहित अन्य सार्वजनिक स्थानों पर खुले आम धूम्रपान किया जा रहा है। इतना ही नहीं स्वच्छ वातावरण देने वाले पार्कों में भी सरेआम धूम्रपान किया जा रहा है। पब्लिक पार्क जैसे महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्थान पर भी लोगों को धूम्रपान करते देखा जा सकता है। हैरानी की बात तो यह है कि प्रशासन इसे रोकने के लिए कोई कार्रवाई करते नहीं देखा जा रहा है। अगर सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने वालों के खिलाफ कार्रवाई किया जाना शुरू कर दिया जाए तो लोगों में इस निषेद्य के प्रति चेतना जाग्रत होगी और वे सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने से बचेंगे।

बना है कानून, नहीं होती पालना
सार्वजनिक स्थान पर धूम्रपान करना या धूम्रपान सामग्री बेचने को रोकने के लिए कोटपा एक्ट-2003 भी बना है। लेकिन कोटपा एक्ट की पालना बहुत कम होती देखी गई है। कोटपा एक्ट की धारा 4 के तहत अस्पताल भवन, न्यायालय भवन, सार्वजनिक कार्यालय, होटल, रेस्टोरेंट, शॉपिंग माल, शिक्षण संस्थान, सभागार और सार्वजनिक वाहन आदि जगहों पर धूम्रपान निषेध है। सभी सरकारी व गैर सरकारी सार्वजनिक स्थलों के प्रभारियों को इस कानून के तहत धूम्रपान निषेध का बोर्ड लगाना अनिवार्य किया गया है।

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