पूर्व राजघराने की गणगौर की सवारी निकालने की है परम्परा
सजे-धजे ऊंट, रियासतकालीन वेशभूषा में जवान बने आकर्षण का केन्द्र
बीकानेर। गणगौर तीज पर्व पर आज जूनागढ़ किले से राजपरिवार की गणगौर की सवारी शाही लवाजमे के साथ गणगौर निकल। बैंड की मधुर स्वर लहरियों और रियासतकालीन वेशभूषा में जवान आकर्षण का केन्द्र बने रहे। वहीं राजपरिवार की बग्गी, पालकी, प्रतीक चिन्ह सहित अन्य साधन भी गणगौरकी सवारी के शाही लवाजमे में शामिल रहे।
राजसी परंपराओं से निकली गणगौर की सवारी को देखने के बड़ी संख्या में महिलाएं, बच्चे जूनागढ़ पहुंचे। जूनागढ़ किले से गणगौरकी सवारी को चौतीना कुआं तक लाया गया, जहां गणगौर का पूजन कर पानी पिलाने की रस्म अदायगी की गयी। महिलाओं ने गणगौर के आगे नृत्य भी किया।
इस नजारे को लोगों ने अपने कैमरों मेें कैद किया। चौतीना कुंआ से वापस गणगौरकी सवारी जूनागढ़ किले पहुंची। इस दौरान जूनागढ़ किले से लेकर चौतीना कुंआ तक मेले का माहौल रहा। गौरतलब है कि 16 दिवसीय गणगौर पर्व की शुरुआत होली के दूसरे दिन यानि धुलंडी से हो जाती है।
#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI www.newsfastweb.com