किरोड़ीलाल से हाथ मिलाने की तैयारी में सचिन पायलट, बदलेंगे सियासी समीकरण, पढ़ें पूरी खबर…

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Sachin Pilot in preparation to join hands with Kirodilal, will change political equation

सीएम गहलोत के मंत्री लिख रहे हैं पटकथा

कांग्रेस-भाजपा का बिगड़ सकता है खेल

बीकानेर। कयास लगाए जा रहे हैं कि सचिन पायलट अब सांसद किरोड़ीलाल मीणा से हाथ मिलाने की तैयारी कर रहे हैं। माना जा रहा है कि मंत्री मुरारीलाल सचिन पायलट और किरोड़ीलाल मीणा को एक जाजम पर बैठाने का दांव खेलकर कांग्रेस-भाजपा का खेल बिगाड़ सकते हैं।


राजनीतिक पंडितों के अनुसार पायलट कैंप के मंत्री मुरारीलाल मीणा और सांसद किरोड़ीलाल मीणा की जुगलबंदी से पूर्वी राजस्थान में नए सियासी समीकरण बनकर उभर रहे हैं। कभी एक-दूसरे के धुर विरोधी रहे दोनों नेता सार्वजनिक मंचों पर एक साथ नजर आ रहे हैं। जानकारों का कहना है कि विधानसभा चुनाव से पहले पायलट नई पार्टी बना सकते हैं। दौसा विधायक एवं गहलोत सरकार के मंत्री मुरारीलाल नई पार्टी की पटकथा लिख रहे हैं। सियासी गलियारों में पहुंच रखने वालों का कहना है कि सचिन पायलट को कद्दावर नेता किरोड़ीलाल का साथ मिलने पर कांग्रेस-भाजपा के सियासी समीकरण बिगड़ सकते हैं। राजनीतिक पंडित इसे पायलट कैंप की बड़ी रणनीति मान रहे हैं। सीएम गहलोत और पायलट की खींचतान जगजाहिर है।


राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार प्रदेश भाजपा इकाई ने किरोड़ी से दूरी बना रखी है। पिछले लोकसभा चुनाव में किरोड़ीलाल की पत्नी गोलमा देवी का टिकट कटा था। इसके बाद से ही भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने दूरी बना ली थी। किरोड़ीलाल अलग-अलग मुद्दों पर आंदोलत करते हैं। लेकिन भाजपा नेताओं की दूरी बरकरार देखी गई। गहलोत सरकार के मंत्री मुरारीलाल हर मुद्दे पर किरोड़ी का साथ देते देखे गए हैं।
लोकसभा चुनाव में किरोड़ी की पत्नी गोलमा देवी को टिकट नहीं मिला। किरोड़ी ने चुनाव प्रचार से दूरी बना ली और मंत्री मुरारलाल की पत्नी सविता मीणा को परदे के पीछे समर्थन दे दिया।

मंत्री परसादीलाल के पायलट से सुलह के संकेत


हाल ही में दौसा जिले के कांग्रेस कार्यकर्ता शिविर में गहलोत कैंप के स्वास्थ्य मंत्री परसादीलाल मीणा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय राजेश पायलट के मुक्तकंठ से प्रशंसा की थी। राजेश पायलट के बेहद करीबी रहे परसादी लाल की तारीफ के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। परसादीलाल के बयान को पायलट से सुलह के तौर पर माना जा रहा है। सचिन पायलट ने प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए परसादीलाल का टिकट काट दिया था।
गौरतलब है कि अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाईमाधोपुर, दौसा और जयपुर जिले पूर्वी राजस्थान के हिस्से है। प्रदेश की सियासत में पूर्वी राजस्थान की कितनी अहमियत है कि अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि गहलोत कैबिनेट में 30 में से 14 मंत्री पूर्वी राजस्थान से आते हैं।

#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI www.newsfastweb.com

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