भ्रष्टाचार के दो आरोपियों नीरज के पवन और प्रदीप के गवांडे को गहलोत सरकार ने दी पदोन्नति
जांच है लंबित, कोर्ट में प्रकरण है विचाराधीन
बीकानेर। यहां संभागीय आयुक्त पद पर स्थानान्तरित हुए आइएएस नीरज के पवन भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी हैं। वर्ष, 2016 में चिकित्सा विभाग से जुड़े एक घोटाले के आरोप में वे जेल जा चुके हैं।
प्रदेश की गहलोत सरकार ने नए साल पर अखिल भारतीय सेवाओं के 103 अधिकारियों को पदोन्नति दी है। पद्दोन्नत अफसरों में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस) 43, भारतीय पुलिस सेवा (आइपीएस) 45 और भारतीय वन सेवा (आइएफएस) के 15 अधिकारी शामिल हैं। शुक्रवार देर रात डेढ़ बजे कार्मिक विभाग द्वारा जारी आदेश में पदोन्नत होने वाले अफसरों में से 46 आइएएस, 37 आइपीएस व नौ आइएफएस अधिकारियों के तबादले किए हैं। सरकार ने भ्रष्टाचार के मामले में घिरे आइएएस अधिकारी नीरज के पवन को पदोन्नत कर बीकानेर में संभागीय आयुक्त के पद पर लगाया गया है। नीरज के पवन के खिलाफ जांच लंबित है। उनके साथ ही घूसखोरी के मुकदमें नामजद आइएएस अधिकारी प्रदीप के गवांडे को भी पद्दोन्नत किया है।
जेल जा चुके हैं नीरज के पवन
सरकार द्वारा पदोन्नत किए गए आइएएस अधिकारी नीरज के पवन वर्ष, 2016 में चिकित्सा विभाग से जुड़े एक घोटाले के आरोप में जेल जा चुके हैं। चिकित्सा विभाग में रहते हुए उन्होंने अपने कई स्वजनों को नौकरी पर रख लिया था। जेल जाने पर उन्हे बर्खास्त किया गया था। इस मामले में कोर्ट से जमानत मिलने के बाद सरकार ने उन्हें बहाल कर श्रम विभाग का सचिव व राजस्थान स्किल एंड लिवलिहुड डेवलपमेंट कारर्पोरेशन का चेयरमैन बनाया था। पिछले साल एक आडियो रिकार्डिंग सार्वजनिक हुई थी, जिसमें आइएएस नीरज के पवन द्वारा रिश्वत के लेनेदेन की बात सामने आई थी। मामला कोर्ट में लंबित है। कुछ दिन उन्हें कम महत्व के पद पर रखने के बाद अब फिर गहलोत सरकार ने उन्हें संभागीय आयुक्त जैसे महत्वपूर्ण पद पर लगाया गया है।
#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI www.newsfastweb.com