तत्कालीन यूआईटी सचिव जायसवाल को एक माह कारावास की सजा

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Jaiswal, the then UIT secretary, sentenced to one month imprisonment

वर्तमान में धौलपुर के कलेक्टर हैं आरके जायसवाल

जमीन विवाद के चलते मामला पहुुंचा था न्यायालय

अदालत ने अंतरिम निषेधाज्ञा, यथास्थिति बनाए रखने के दिए थे आदेश लेकिन यूआईटी सचिव ने उक्त जमीन की निलामी के लिए प्रकाशित कराया था विज्ञापन

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# KAMAL KANT SHARMA

बीकानेर। नगर विकास न्यास (यूआईटी) में भूमि विवाद से जुड़े एक अवमानना मामले में यूआईटी के तत्कालीन सचिव आरके जायसवाल को एक माह के सिविल कारावास की सजा सुनाई है। एएमजेएम न्यायालय के पीठासीन अधिकारी हुक्मीचंद गहनोलिया ने आज इस प्रकरण में दण्डादेश दिया। प्रकरण में परिवादी की ओर से पैरवी एडवोकेट अनिल आचार्य और राकेश आचार्य ने की।


परिवादी के अधिवक्ता अनिल आचार्य ने बताया कि13 सितम्बर, 2017 को जमीन विवाद के चलते अतिरिक्त सिविल न्यायाधीश कख संख्या दो (एएमजेएम) बीकानेर ने एक अंतरिम आदेश दिया था। 13 सितम्बर, 2017 को मघाराम उर्फ मेघराज आदि बनाम नगर विकास न्यास आदि के प्रकरण में अदालत ने अंतरिम निषेधाज्ञा, यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए थे। विवादित जमीन का गंगाशहर पुलिस थाना रिसिवर है।

उक्त आदेश की पालना करने के बजाय तत्कालीन सचिव आरके जायसवाल और तत्कालीन अध्यक्ष नगर विकास न्यास ने  निलामी के लिए विज्ञापन प्रकाशित करवाया। जिसको लेकर प्रार्थी मघाराम उर्फ मेघराज की ओर से 4 अक्टूबर, 2017 को आरके जायसवाल आदि के विरुद्ध अवमानना प्रार्थना पत्र न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। जिसमें 29 अक्टूबर, 2021 को दोनों पक्षों की बहस सुनी गई। मंगलवार को यानि आज पीठासीन अधिकारी हुक्मीचंद गहनोलिया ने आदेश जारी कर मघाराम उर्फ मेघराज की ओर से प्रस्तुत अवमानना याचिका को स्वीकार किया जाकर आरके जायसवाल को एक माह के सिविल कारावास से दंडित करने का आदेश पारित किया।

अभी कलक्टर है जायसवाल

दरअसल, बीकानेर में नगर विकास न्यास सचिव रहते हुए ही जायसवाल आरएएस से आईएएस में प्रमोट हो गए थे। इसके बाद उन्हें धौलपुर कलेक्टर के रूप में पदस्थापित किया गया था। वर्तमान में जायसवाल धौलपुर के कलेक्टर हैं।

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