निजी कॉलेज के तत्कालीन प्राचार्य और हॉस्टल वार्डन को छह-छह वर्ष का कारावास
पॉस्को कोर्ट ने दिया दण्डादेश, साढ़े पांच वर्ष प्रकरण रहा विचाराधीन
बीकानेर। साढ़े पांच वर्ष पहले नोखा के बहुचर्चित नाबालिग हत्याकांड के तीनों दोषियों को आज पॉस्को कोर्ट ने दण्डादेश सुनाया। इस प्रकरण के मुख्य आरोपी को पॉस्को कोर्ट के पीठासीन अधिकारी देवेंद्रसिंह नागर ने आजीवन कारावास का दण्डादेश सुनाया।
परिवादी के अधिवक्ता बजरंग छींपा ने बताया कि इस प्रकरण के मुख्य आरोपी पीटीआई विजेन्द्रसिंह पुत्र ओमप्रकाश को भारतीय दफा संहिता की धारा-376 (2) (च) तथा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अधिनियम-1989 की धारा-3 (2) (v) के तहत आजीवन कारावास और दस हजार रुपए का जुर्माना, भारतीय दफा संहिता की धारा- 366 के तहत 5 वर्ष का सश्रम कारावास, धारा-363 के तहत 4 वर्ष के कारावास, धारा 305 के तहत 6 वर्ष का सश्रम कारावास और एससी/ एसटी एक्ट-1989 की धारा 3 (1) (बी-1) के तहत दो वर्ष का कारावास तथा 5 हजार रुपए जुमाने का दण्डादेश सुनाया गया है।
वहीं इस प्रकरण के अन्य आरोपी निजी कॉलेज के प्राचार्य प्रज्ञा प्रतीक शुक्ला और हॉस्टल वार्डन प्रिया शुक्ला को भादसं की धारा-305 के तहत 6-6 वर्ष का सश्रम कारावास, एससी/एसटी एक्ट-1989 की धारा-3 (2) (vi) के तहत 2-2 वर्ष का कारावास और पॉक्सो एक्ट-2012 की धारा-21 के तहत एक वर्ष का कारावास और 5 हजार रुपए के जुर्माने का दण्डादेश दिया गया है। तीनों दोषियों की सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।
इसी मामले में परिवादी की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता अनवर अली ने बताया कि न्यायालय में 85 पेशी के तहत मामले पर विचारण किया गया। जिसमें लोक अभियोजक सुभाष साहू ने 34 गवाहों को पेश किया गया। 45 प्रकार के दस्तावेज बतौर सबूत न्यायालय के समक्ष पेश किए गए। पुलिस की ओर से 87 दिनों में चालान पेश किया गया।
#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI www.newsfastwebcom