न्यायालय अतिरिक्त सेशन न्यायाधीश महिला उत्पीड़न की पीठासीन अधिकारी रैना शर्मा ने दिया दंडादेश
करीब 12 साल पहले का पूगल थाना क्षेत्र का है मामला
बीकानेर। न्यायालय अतिरिक्त सेशन न्यायाधीश महिला उत्पीड़न की पीठासीन अधिकारी रैना शर्मा ने
दहेज हत्या के तीन अभियुक्तों को 3 वर्ष के कठोर कारावास और 20 हजार रुपए के जुर्माने का दंडादेश दिया है।
लोक अभियोजक गणेश गहलोत ने बताया कि
प्रकरण सरकार बनाम भरत सिंह आदि में अभियुक्त भरत सिंह, सावंत सिंह और राज कंवर को धारा – 498ए, और धारा – 406 में 3 वर्ष का कठोर कारावास व 20 हजार रूपये का अर्थदण्ड लगाकर दण्डित किया है। अभियोजन पक्ष की ओर से अपने साक्ष्य के समर्थन में 19 गवाहान के बयान लेखबद्ध करवाये गए। 33 दस्तावेज प्रदर्श लेखबद्ध पत्रावली में करवाये और आर्टिकल प्रदर्शित करवाये गए।
ये था प्रकरण
अधिवक्ता कौशल सांखला ने बताया कि 16 सितंबर, 2013 को परिवादी सुगनसिंह की ओर से पूगल थाना में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी। सुगन सिंह पुत्र राम सिंह निवासी पूगल ने अपनी दोनों पुत्रियों शांति एवं अंकिता की शादी 6 वर्ष पूर्व भरत सिंह व जेठू सिंह निवासी भानीपुरा, तहसील पूगल, बीकानेर के साथ की थी। अभियुक्त उसकी दोनों पुत्रियों को आये दिन दहेज के लिये तंग परेशान करते थे तथा उनके साथ क्रूरता करते थे। 11 सितंबर, 2013 की शाम लगभग साढ़े आठ बजे भरत सिंह अपने खेत से छोटे भाई जेठू सिंह की पत्नी अंकिता व भरत सिंह की भांजी के साथ ऊँटगाडे पर स्वर होकर खेत से गांव जा रहे थे। उस दौरान भरत सिंह दहेज की बात को लेकर आपस में अनबन होने पर झगड़ा करने लगा।
उसी वक्त दीप सिंह पुत्र केशु सिंह अपने खेत से भानीपुरा आ रहा था। जिसने दोनों को झगड़ा करते हुए देखा तो बीच-बचाव करने का प्रयास किया। तब भरत सिंह ने गाड़े का झालिया (लठ्ठ) अंकिता के सिर पर मारा तो अंकिता वहीं गिर पडी। तब भरत सिंह दीप सिंह के पीछे झालिया (लठ्ठ) लेकर भागा। भरत सिंह अंकिता को मारकर ऊँटगाडे को लेकर अपने खेत में भाग गया। परिवार के लोगों ने षड्यंत्र रचकर गांव के सभी आदमियों को बुलाया और कहा कि अंकिता गाड़े के नीचे आकर मर गयी। तब परिवादी सुगन सिंह मौके पर आया और अपनी पुत्री अंकिता की लाश को देखकर बेहोश हो गया। तब उसको घर भेज दिया गया। मुल्जिम परिवार ने जल्दबाजी में अंकिता का दाह संस्कार कर दिया।
#Kaant K. Sharma / Bhawani Joshi www.newsfastweb.com