लॉकडाउन, सख्ती, गश्त के बाद भी प्रदेश में 1600 मर्डर, बना अपराध का नया रिकार्ड

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1600 Murder in the state despite lockdown, rigor, patrol, new crime record

इस वर्ष नवम्बर माह तक हत्या के 1600 मुकदमें हो चुके हैं दर्ज

इस वर्ष नवम्बर माह तक हत्या के 1600 मुकदमें हो चुके हैं दर्ज

बीकानेर। वर्ष, 2020 खत्म होने जा रहा है और अब चंद दिन ही बाकि है, लेकिन इस बीच इस साल राजस्थान पुलिस ने ऐसा रिकार्ड बना दिया है जिस रिकार्ड पर कोई भी अफसर खुश नहीं होगा। दरअसल, राजस्थान पुलिस के इतिहास में इस वर्ष जितने मर्डर हुए हैं उतने मर्डर आज तक कभी नहीं हुए।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस वर्ष नवम्बर महीने तक प्रदेश में हत्या के 1600 मुकदमें दर्ज हो चुके हैं। इस महीने के बीस दिन भी काउंट किए जाएं तो यह संख्या करीब 1700 तक पहुंचती है। हत्या के इन मामलों में से करीब एक हजार से ज्यादा केस तो पिछले छह महीने मे ही सामने आए हैं यानि अनलॉक के बाद। हत्या की इतनी ज्यादा वारदातों के बाद अब राजस्थान पुलिस के अफसर परेशान हैं, इसे काबू करने के लिए प्रयासरत हैं। वहीं दो साल में अपराध की स्थिति की बात की जाए तो वर्ष 2019 में हत्या के लेकिन अन्य अपराधों तक की श्रेणी में दो लाख पच्चीस हजार तीन सौ छह अपराध दर्ज किए गए।

इनमें हत्या के 1659, हत्या के प्रयास के 1905, डकैती के 105, लूट के 1421, अपहरण के 8058, बलात्कर के 5997, बलवा के 392, नकबजनी के 7182, चोरी के चालीस हजार से ज्यादा और अन्य अपराधों के एक लाख 57 हजार से ज्यादा मुकदमें दर्ज किए गए। इस साल नवम्बर तक की बात की जाए तो एक लाख 79 हजार से ज्यादा अपराध दर्ज हुए, लेकिन इन अपराधों में गंभीर श्रेणी के अपराध जैसे हत्या के 1600, हत्या के प्रयास के 1916, डकैती के 70, लूट के 1055, अपहरण के पांच हजार सात सौ से ज्यादा, बलात्कार के 4900, बलवा के 333, नकबजनी के 5324, चोरी के 26313 और अन्य अपराध के एक लाख 32 हजार से भी ज्यादा मुकदमें दर्ज हैं। अभी दिसम्बर का पूरा महीना बाकि है।

वहीं, बात अगर राजस्थान पुलिस की उपलब्धि की बात करें तो दो साल के भीतर कई बड़े अपराधियों को सलाखों के पीछे किया गया। इनमें जगन गुर्जर से लेकर लॉरेंस की टीम, आनंदपाल के गुर्गें और अन्य अपराधी शामिल हैं। पुलिस को फिर से वीकली ऑफ का ऑप्शन मिलने की प्रक्रिया शुरू की गई। कुछ जिलों में पुलिस को वीकली ऑफ मिला भी, लेकिन जैसे ही अधिकारी बदले वैसे ही पुराना ढर्रा शुरू हो गया, लेकिन पुलिस की परेशानी अभी भी कम नहीं हुई। दरअसल, दो बड़े अपराधी लगातार पुलिस को चुनौती दे रहे हैं। इनमें प्रदेश का सबसे बड़ा मोस्ट वांटेड पपला गुर्जर शामिल है। वहीं, दूसरा बड़ा अपराधी लादेन हैं जिसकी तलाश बीहड़ों मे कई जिलों की पुलिस कर रही है। लादेन पुलिसकर्मियों को गोली तक मार चुका है। उधर, हाल ही एक में बार फिर से डिकॉय ऑपरेशन शुरू किए गए तो पुलिस और अपराध का गठजोड़ एक बार फिर से खुलकर सामने आ गया।

आला अधिकारियों के अनुसार इस साल कोरोना व लॉकडाउन रहाए, इसी वजह से इस साल अपराधों में कमी आई है। वहीं, आलाधिकारियों का मानना है कि साल 2020 खत्म होने वाला है। वर्ष खत्म होने के साथ ही पुलिस महकमे में कई प्राथमिकता बनाई गई है, जिसमें गंभीर अपराधों को रोकना, वहीं महिला अत्याचारों, साइबर अपराध सहित अन्य अपराध में कमी लाना प्राथमिकता रहेगी। उम्मीद करते हैं वर्ष, 2019 पुलिस महकमे के दृष्टिकोण से अच्छा रहे, ताकि प्रदेश में होने वाले अपराधों में कमी आ सके।

#Kamal kant sharma/Bhawani joshi www.newsfastweb.com

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